मूंगफली का तेल दुनिया के सबसे अच्छे और श्रेष्ठ खाद्य तेलों में से एक है। मूंगफली को पहले से ही सौराष्ट्र की जीवन रेखा कहा जाता है। विश्व प्रसिद्ध अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने 70 लाख लोगों पर 76 प्रकार के परीक्षण करने के बाद यह निष्कर्ष दिया। हम सबके मन में यह भ्रम पैदा कर दिया गया है कि मूंगफली का तेल खाने से आप हार्ट अटैक का शिकार बन सकते हैं लेकिन यह बिलकुल गलत है।
मूंगफली के तेल में 11% विटामिन E होता है। कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकता है, इस बात को मेडिकल जर्नल ने साबित किया है। गुजरात को बस इतना करना है कि मूंगफली का तेल ही खाना है। पहले के लोग केवल मूंगफली का तेल खाते थे और उनको हमने 100 साल तक स्वस्थ जीवन जीते देखा है। मूंगफली का तेल वास्तव में हमें बीमारियों से बचाता है। यह विदेशी तेल युवाओं में हार्ट अटैक, डक्ट ब्लॉकेज, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि का कारण बन सकता है।

एक विदेशी कंपनी की साजिश के तहत देश में कुल 220 लाख टन खाद्य तेल की आवश्यकता में से 100 लाख टन पाम तेल की खपत होती है, 30 से 35 लाख टन सोया तेल की खपत होती है और 20 से 25 लाख टन सूर्यमुखी के तेल की खपत होती है। और यह सब तेल विदेश से आता है।
जिससे आटा बनाता हो उसमे से तेल कभी नहीं निकल सकता। और अगर ऐसा होता तो हमारे पूर्वज ने भी राइस और मक्का का तेल खाया होता। यह सब पैसे कमाने के तरीके है, व्यापार के नाम पर ज्यादातर कंपनिया जहर बेचती है और हमारे समाज के स्वास्थ्य को दूषित करती है। इससे जितना हो सके हमे दूर रहना चाहिए। जरा सोचिए, अतीत मे जब हमारे पूर्वज मूँगफली का तेल खाते थे तब क्या इतनी बीमारिया होती थी?
1993 से पहले पूरा देश मूंगफली के तेल का सेवन करता था लेकिन अब इन विदेशी कंपनियों ने मूंगफली के तेल को इतना बदनाम कर दिया है कि हमारे देश के लोग मूंगफली के तेल से बहुत दूर चले गए हैं।
स्वदेशी खाओ, स्वस्थ रहो और देश बचाओ।
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